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गणेश चतुर्थी: शुभ तिथि, महत्त्व और पूजन विधि

Ganesh Chaturthi 2024

गणेश चतुर्थी हमारे हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसे पूरे भारत में बड़े ही हर्षोल्लाह के साथ मनाया जाता है। भगवान गणेश, जो कि बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माने जाते हैं, के जन्मोत्सव के रूप में यह त्यौहार मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों और मंदिरों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं।

गणेश चतुर्थी की तिथि

गणेश चतुर्थी भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि आमतौर पर अगस्त या सितंबर महीने में आती है। इस दिन गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना कर 10 दिनों तक उनकी पूजा की जाती है। अंतिम दिन, जिसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है, गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन कर दिया जाता है।

गणेश चतुर्थी का महत्त्व

गणेश चतुर्थी का विशेष महत्त्व है। इस दिन भगवान गणेश का आह्वान कर उनके आशीर्वाद की कामना की जाती है। मान्यता है कि गणेश जी विघ्नहर्ता और शुभकर्ता हैं। इसलिए इस दिन लोग गणेश जी की पूजा कर अपने जीवन से सभी विघ्नों को दूर करने और समृद्धि की प्राप्ति की कामना करते हैं।

पूजन विधि

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि में सबसे पहले गणेश जी की प्रतिमा को अच्छे से स्नान कराकर उनका शुद्धिकरण किया जाता है। इसके बाद उन्हें नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। गणेश जी की पूजा में दूर्वा, लड्डू, मोदक, लाल फूल, रोली, अक्षत आदि का उपयोग किया जाता है।

  1. प्रतिमा स्थापना: पूजा के शुभ मुहूर्त में गणेश भगवान की मूर्ति को गणेश स्थापना मंत्र के साथ स्थापित करें।
  2. कलश स्थापना: कलश में जल भरकर उसमें सुपारी, अक्षत और पंचामृत डालें और उसे गणेश जी के पास रखें।
  3. संकल्प: भगवान गणेश का ध्यान करते हुए पूजा का संकल्प लें।
  4. आरती और भोग: गणेश भगवान की आरती करें और उन्हें मोदक का भोग लगाएं।
  5. प्रणाम और प्रसाद वितरण: अंत में गणेश जी को प्रणाम करें और परिवार के सभी सदस्यों के साथ प्रसाद ग्रहण करें।

गणेश विसर्जन

गणेश चतुर्थी के आखरी दिन, जिसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है, गणेश जी की प्रतिमा का गणेश विसर्जन मंत्र के साथ विसर्जन किया जाता है। विसर्जन के समय गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारों के साथ भगवान गणेश को विदाई दी जाती है।

उपसंहार

गणेश चतुर्थी का त्यौहार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि यह हमें एकता, सद्भावना और विश्वास का संदेश भी देता है। इस पावन अवसर पर भगवान गणेश की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन हो, यही शुभकामना है।

गणपति बप्पा मोरया!

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