अशोका इंस्टीट्यूट में उत्साह के साथ मनाया गया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस Breaking न्यूज़ by Amit Patel - March 1, 2023March 1, 20230 जीवन को बेहतर बनाना विज्ञान दिवस का लक्ष्यः डा.सारिका वाराणसी। इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन की शिक्षा देने वाले पूर्वांचल के अग्रणीय संस्थान अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी एंड मैनेजमेंट (Ashoka Institute Of Technology And Management) में नोबल पुरस्कार विजेता भारतीय वैज्ञानिक डा.सीवी रमन के सम्मान में मंगलवार को उत्साह के साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया। इस मौके पर विज्ञान पर आधारित पोस्टर, क्विज और भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटी) की पहल पर हर साल 28 फरवरी को ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ मनाया जा रहा है। अशोका इंस्टीट्यूट की निदेशक डा.सारिका श्रीवास्तव ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा समय में जनसाधारण को विज्ञान और वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना जरूरी है। यह पहल का मकसद देश के महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन की उस महान उपलब्धि को मान्यता देना है, जिन्होंने भौतिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। भारतीय वैज्ञानिकों की खोज को मान्यता और सम्मान देने के लिए विज्ञान दिवस मनाने की पहल की गई थी। इसका मकसद आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में विज्ञान के योगदान के महत्व को समझाना है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान में रूचि रखने वाले युवा छात्रों को अपनी काबिलियत दिखाने का अवसर प्रदान करता है। अशोका बिजनेस स्कूल के निदेशक प्रो.सीपी मल ने कहा कि भौतिक विज्ञानी चंद्रशेखर वेंकटरमन की खोज को ‘रमन प्रभाव’ के नाम से भी जाना जाता है। साल 1954 में इन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इस महान वैज्ञानिक से प्रेरणा लेकर स्टूडेंट्स स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा दें, तभी देश तरक्की कर सकता है। विज्ञान दिवस कार्यक्रम को और रोचक बनाने के लिए इंस्टीट्यूट की सीनियर टीचर शर्मिला सिंह के पर्वेक्षण में स्टूडेंट्स के बीच आयोजित त्वरित भाषण प्रतियोगिता में इंजीनियरिंग की स्टूडेंट नेहा यादव अव्वल रहीं। दूसरा और तीसरा स्थान क्रमशः अनिल और राहुल गुप्ता ने हासिल किया। पोस्टर मेकिंग में वैष्णवी और शोहर बानो ने संयुक्त रूप से प्रथम पुरस्कार जीता। प्रतियोगिता की निर्णायक खुशबू कुमार रहीं। कार्यक्रम को सफल बनाने में इंस्टीट्यूट के प्रेसिडेंट वैभव श्रीवास्तव के अलावा स्नेहा गुप्ता, वैष्णवी कुमारी ने सहयोग दिया।