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आईआईटी रुड़की के ‘उल्लास ग्लोबल थॉमसो’में अशोका इंस्टीट्यूट चैंपियन

इनोवेशन में अशोका ने यूपी के नामी इंजीनियरिंग कालेजों को पछाड़ मारी बाजी, आठ में से चार प्रोजेक्ट किया अपने नाम

वाराणसी। आईआईटी रुड़की विश्वविद्यालय के 175 साल पूरा होने पर लखनऊ में आयोजित ‘उल्लास ग्लोबल थॉमसो’ में अशोका इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेट के स्टूडेंट्स छा गए। इनके इनोवेशन प्रोजेक्ट को न सिर्फ सराहा गया, बल्कि उन्हें प्रमुख श्रेणियों में चैंपियनशिप का खिताब भी दिया गया। इस मौके पर यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अशोका इस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स के इनोवेशन को मील का पत्थर बताया।

आईआईटी रुड़की विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के 175 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मना रहा है। आईआईटी रुड़की एलुमनी एसोसिएशन के लखनऊ चैप्टर द्वारा लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ‘उल्लास ग्लोबल थॉमसो-175 के पहले दिन 22 अप्रैल को ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन में यूपी के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कालेजों के इनोवेशन प्रोजेक्ट को शामिल किया गया। जिसमें पहले दो विषय थे-सामाजिक जीवन में ड्रोन व रोबोटिक्स प्रौद्योगिकी और तीसरा विषय था 22वीं सदी का सामाजिक जीवन। बदले भारत में भविष्य के दृष्टिकोण पर यूपी के जिन प्रतिष्ठत इंजीनियरिंग कालेजों के स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया, उनमें वाराणसी के अशोका इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेट के स्टूडेंट्स के इनोवेशन प्रोजेक्ट अव्वल रहे। खास बात यह है कि आईआईटी रुड़की ने दो दिवसीय इस कार्यक्रम में देश से सभी पूर्व छात्रों को आमंत्रित किया था।

‘उल्लास ग्लोबल थॉमसो-175 में यूपी के प्रमुख इंजीनियरिंग कालेजों ने कुल 24 इनोवेशन माडल्स भेजे थे, जिनमें 11 प्रोजेक्ट को भविष्य के भारत के लिए चुना गया। इसमें सात प्रोजेक्ट अकेले अशोका इंजीनियरिंग आफ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेट के थे। सोशल एवेरनेस में अशोका इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स के तीन इनोवेशन प्रोजेक्ट को क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान मिला। इस ग्रुप में अशोका इंस्टीट्यूट के मो.रिजवान की टीम का एंजल डोर अव्वल रहा तो मानिटरिंग एंड डिटेक्शन आफ मैनहोल यूजिंग आईओटी के लिए श्रेया सोनी, रिया वर्मा, अमृषा षांडिल्य और निधि श्रीवास्तव को दूसरा स्थान मिला। सोशल एवेरनेस में तीसरा स्थान भी अशोका इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स जागृति मौर्य व अंजली श्रीवास्तव को मिला।

रोबोटिक प्रोजेक्ट में भी अशोका इंस्टीट्यूट ने अपनी बुलंदी का झंडा गाड़ा। अशोका के स्टूडेंट्स बृजेश मौर्य और किशन चौहान की टीम ने भी बाजी मारी और पहला स्थान हासिल किया। ड्रोन टेक्नालाजी में अशोका इंटीट्यूट ने अपना प्रोजेक्ट शामिल नहीं किया था। इस ग्रुप में गाजियाबाद का अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कालेज ने पहले और दूसरे स्थान हासिल किया। इनोवेशन प्रोजेक्ट में आईआईएमटी मेरठ, जेसेस नोएडा और आईईएमटी मुरादाबाद के इनोवेशन प्रोजेक्ट चुने गए। एकेटीयू के कुलपति प्रो.पीके मिश्र ने इनोवेशन प्रोजेक्ट में अव्वल आने वाले अशोका इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स को टेबलेट देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इंजीनियरिंग कालेजों के प्रोजेक्ट का अवलोकन किया। उन्होंने अशोका इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स के इनोवेशन प्रोजेक्ट को न सिर्फ सराहा, बल्कि यह भी कहा कि तकनीक को गांवों में ले जाने की जरूरत है, ताकि ग्रामीणों को रोजगार मिले और वो शहरों की ओर पलायन न करें। अच्छी बात यह है कि अब शहरों के लोग गांवों में जाकर रहने लगे हैं। जब तक गांवों का विकास नहीं होगा, तब तक खुशहाली नहीं आ सकती है। कार्यक्रम का संचालन आईआईटी रुड़की एलुमनी एसोसिएशन के लखनऊ चौप्टर के अध्यक्ष अनुज वार्ष्णेय ने किया। अशोका इंस्टीट्यूट के इनोवेशन प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष धर्मेंद्र दुबे ने किया।

समारोह में राज्यपाल ने आईआईटी रुड़की लखनऊ चैप्टर की सोविनियर और वेबसाइट का विमोचन किया। साथ ही 1950, 1970, 1983 और अन्य बैच के एलुमिनाई को सम्मानित भी किया। इस मौके लखनऊ के जिलाधिकारी और रुड़की एलुमिनाई अभिषेक प्रकाश ने लखनऊ के विकास की तस्वीर दिखाई और अपने अनुभवों साझा किया।

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