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एलुमिनाई टाकः अशोका इंस्टीट्यूट के पूर्व छात्र सरफराज ने कहा, सकारात्मक सोच देती जीतने की हिम्मत

ashoka varanasi

वाराणसी। इंजीनियरिंग और प्रबंधन की शिक्षा देने वाले पूर्वांचल के अग्रणीय संस्थान अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी एंड मैनेजमेंट (Ashoka Institute Of Technology And Management) में आयोजित एलुमिनाई टाक में सरफराज नवाज ने कहा कि तरक्की को चाहिए नया नजरिया और सही सोच। सही सोच हमें न सिर्फ प्रेरणा देती है, बल्कि आस्था का स्वर जगती है। सफलता के लिए जरूरी है सहनशीलता जो सही सोच से पैदा होती है। इससे तनाव में कमी आती है और कार्यक्षमता बढ़ती है। कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए सही सोच ऊर्जा देता है और आत्मसंतोष विकसित करता है।

अशोका इंस्टीट्यूट के पुरातन छात्र सरफराज नवाज देश की एक नामी कंपनी में सीनियर एनालिस्ट हैं। एलुमिनाई टाक के पहले सीजन की शुरुआत में सरफराज ने अपनी जिंदगी और संघर्षों की कहानी सुनाई और जीवन में कामयाब होने के गुर भी सिखाए। उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि सकारात्मक सोच के लिए गए सभी निर्णय प्रायः सही होते हैं। व्यावसायिक जीवन में सोच का अंतर हमेशा प्रोडक्टिविटी को प्रभावित करता है, जिससे लाभ-हानि की बातें सामने आती हैं। सही सोच हमेशा उत्साह जगाता है और काम करने के तरीके को प्रभावित करके लाभप्रद बनाता है। बेहतर सोच विपरीत परिस्थितियों में सतत संघर्ष करने और उन पर विजय पाने की हिम्मत देती है। नकारात्मक सोच आत्मविश्वास में कमी लाती है, तकलीफें देती है, हीन भावना, तनाव और चिंता पैदा करती है। नकारात्मक सोच हमेशा ईष्या पैदा करती है और मन में हताशा पैदा करती है, जिसके चलते लक्ष्य दूर हो जाता है। काम को टालने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है, जिससे कार्यक्षेत्र में अपमान का सामना करना पड़ता है। कई बार नौकरी से हाथ धोना पड़ जाता है।

स्टूडेंट्स को कामयाबी का गुर सिखाते हुए सरफराज ने कहा कि विद्वान व्यक्ति जब किसी परिस्थिति में सूक्ष्म व्याख्या करते हैं, गुण-दोष बताते हैं तो नया कुछ सीखने को मिलता है। अच्छी पुस्तकें हमारी सोच को बदलने में सकारात्मक भूमिका अदा करती हैं। सफल और ख्यातिप्राप्त लोगों की संगत में रहने से भी सोच में बदलाव आता है। बड़ी सोच वाले लोगों के साथ रहकर अपनी सोच को भी बड़ा किया जा सकता है। कई बार घर का महौल सोच पर प्रभाव डालता है। सफलता के लिए जरूरी है कि नकारात्मक सोच और बुराई करने वालों से दूर रहें। कार्यक्षेत्र में तरक्की के लिए जरूरी है कि आलोचना, निंदा अथवा शिकायत से बचें। कई बार डींग हांकने अथवा अपने सहकर्मी की झूठी आलोचना करने से मुश्किलें बढ़ जाती हैं। किसी भी क्षेत्र में काम करते हुए अपनी क्षमता पर भरोसा करें, अपना आत्मविश्वास और अपनी जानकारी बढ़ाएं। पीठ पीछे की बातों और अफवाहों पर ध्यान न दें। समय से कार्यालय अथवा विद्यालय पहुंचें, खुद को सही ढंग से पेश करें और गुरुजनों व सहकर्मियों की बातों को सावधानी से सुनें। लीडर बनने के लिए धैर्य की जरूरत पड़ती है। सुनने का धैर्य और सुनकर लोगों के दिलों में उतरने का धैर्य। आपका निश्छल व्यवहार विनम्रता की अलग जगाता है और विनम्रता लोकप्रियता। इसके जरिये इंसान कुछ भी हासिल कर सकते हैं। जहां काम करें, वहां अहंकार न पालें, सिर्फ कड़ी मेहनत करें। तब कार्यक्षेत्र में आपको तरक्की भी मिलेगी और अच्छा पैसा भी।

अशोका इंस्टीट्यूट के पूर्व स्टूडेंट्स सरफराज नवाज ने स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब भी दिया। संस्थान के प्रतिभाशाली स्टूडेंट वैभव श्रीवास्तव उनसे कई सवाल पूछे। इस मौके पर सरफराज नवाज का स्वागत किया और उन्हें प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अशोका इंस्टीट्यूट के प्लेसमेंट विभाग के प्रभारी ओपी शर्मा और उजमा मौजूद रहे।

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