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बिहार भूमि सर्वे: 4 बड़ी खामियों से लोग हो रहें परेशान, सरकार को निकालना होगा समाधान

Bihar land survey new update

आप को बता देना चाहती हूं कि आपके बिहार में भूमि का सर्वे चल रहा है इसको लेकर के राज्य के नीतीश सरकार ने एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम के रूप में सामने लाए है। आपकी सरकार का यह मानना है की भूमि का सर्वे बिहार में डिजिटल के रूप में भविष्य को तय कर करेगा। और तो और भूमि के कहां भूमि को भी सुलझाने में बहुत हेल्प करेगा। जिससे कि विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर के सरकार को अपने तरफ करने का काम शुरू कर दिया है जिसके अनुसार यह सर्वे आप लोग को राहत देने के जगह पर आपको परेशान कर रहा है।

बिहार भूमि सर्वे से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु

  • भूमि के सर्वे के समय जमीन के मैप चौक में गड़बड़ी होने से आप लोग में से कई लोग परेशान हैं।
  • क्या आपके जमीन के कागजात जैसे – khata khasra bihar, bhu naksha bihar, dakhil kharij bihar आदि में गलत जानकारी दर्ज हो रही है।
  • भूमिका सर्वे बहुत धीरे-धीरे हो रहा है जिससे कि सब लोग को जादे समय तक इंतजार कर रहे हैं
  • इन सब शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई का अभाव है।

आपको बिहार में भूमि सर्वे चल रहा है अगर आपको इसकी पूरी जानकारी चाहिए तो आप हमारे साथ इस न्यूज पर जुड़े जिससे की आपको जानकारी मिल सके।

आपके बिहार में घूमने का काम चल रहा है जिससे कि कई उम्मीद जगी है लेकिन फिर भी इसमें बहुत बड़ी ऐसी चार बड़ी खामियों ने लोगों को काफी परेशान करके रखा है लेकिन सर्वे के समय गलत जमीन पर माप रिकॉर्ड में गड़बड़ी या फिर प्रक्रिया में देरी और अधिकारियों को संवेदनशीलता जैसे समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं।

गांव के इलाके में जमीन से जुड़ी परेशानियां आम बात सी हो गई है जिससे कि लोगों का नाखुश होना अगर अब सरकार से उम्मीद भी जा रही है तो जल्दी इन समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा ताकि लोगों को राहत मिल सके और भूमि सर्वे की प्रक्रिया को सही ढंग से पूरा किया जा सके।

भूमि सर्वेक्षण: एक ऐतिहासिक पहल या परेशानी का सबब?

आपके बिहार में भूमि सर्वे करने की प्रक्रिया 20 अगस्त चल रहा है। आपके राज्य नीतीश सरकार इस प्रक्रिया को भूमि के कहासुनी को खत्म करने के लिए एक दिशा में विध्वंस कदम को बता रहे हैं यह भी कहां जा रहा है कि सर्वे को पूरा होते ही राज्य के आधे से ज्यादा भूमि के कहासुनी को सुलझाया जाएगा लेकिन यहाँ तो जमीन का असलियत कुछ और ही बता रही है।

आपके सरकार की ओर से एक पहल किया गया है। इस पहल के समय बहुत सारी परेशानियां सामने आ रही है इसके वजह से सभी लोगो में असंतोष फैल रहा है जिसके वजह से सरकारी अधिकारियों की तैयारी में कमी आ रही है और पेपर्स को लेकर कन्फ्यूजन और जो रिश्वत लेने वाले हैं उन सभी मामलों के वजह से या सर्वे सारे लोगों के लिए मुसीबत बनता जाना है इन सब दिक्कतों के चलते सर्वे का विरोध भी कई स्थानों पर हो रहा है।

चार बड़ी खामियां जो लोगों को कर रहीं हैं परेशान

बिहार में भूमि सर्वे की प्रक्रिया को लेकर के कई सारे कमियां सामने आई है जो कि इस सर्वे को जनता के लिए परेशानी का सबक बन रहा है।

पेपर्स में उलझन और असमंजस

इस सर्वे के तहत क्या है कि आप लोगों को अपने जमीन से जुड़े पेपर्स को दिखाना है लेकिन हां सबसे बड़ा समस्या यह है कि आप लोग के पास सही फाइल नहीं है या फिर जो फाइल है वह पुराना हो चुका है और कई गांव में तो लोगों के पास जमीन का रिकॉर्ड तो है लेकिन वह बहुत ज्यादा पुराना है कि उनका अपडेट करना एक चुनौती जैसे हो गया है।

ऐसे कई मामले है जो कि आप लोग कोई याद तक नहीं पता है कि कौन सा पेपर दिखाना है और कौन सा नहीं इससे न केवल आपके सर्वे की प्रक्रिया धीरे हो रहा है बल्कि आप लोग बहुत जादा बड़े परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

रिश्वतखोरी और अफसरशाही की दिक्कतें

जहां पर बिहार के सरकारी अधिकारी दावा कर रहे हैं का सर्वे की प्रक्रिया पूरे तरह से खुलापन के साथ किया जा रहा है जिससे कि वहीं जमीन स्तर पर स्थित बिल्कुल अलग है कई जगहों पर अधिकारियों के जारी है रिश्वत लेने के मामले सामने आ रहे हैं।

गांव के क्षेत्र में अधिकारियों के जरिए आप लोग से गलत तरीके से पैसे मांगे जाते हैं जिसकी शिकायत लगातार बढ़ती जा रही है जिससे कि जो लोग गरीब हैं या फिर जिनके पास साधन नहीं है वह इस स्थिति से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

तकनीकी खामियों से प्रक्रिया धीमी

आपके बिहार सरकार ने भूमि के सर्वे को तकनीकी रूप से सक्षम किया है और आधुनिक तरीके से भी पूरा करने का आपसे वादा किया था लेकिन प्रक्रिया में तकनीकी गलतियों के वजह से सर्वे में लेट हो रहा है कई जगहों पर तो सर्वे के समय इंटरनेट कनेक्टिविटी की भी समस्या सामने आ रही है।

यह जो भूमि का सर्वे है डिजिटल तरीके से होने वाला था लेकिन कई गांव के इलाके में अभी तक इसका कोई भी फायदा नहीं दिख रहा है जिससे कि सर्वे के काम में देरी हो रहा है और तो और लोगों के बिना किसी वजह के घंटा इंतजार करने को मजबूर हैं।

जन जागरूकता की कमी

आपको बता दे कि इस सर्वे के लिए आपकी सरकार ने जो नियम और प्रक्रिया को तय किया है उसका जानकारी हर एक व्यक्ति तक नहीं पहुंचा है जिससे कि गांव के क्षेत्र में आप जैसे लोग इस प्रक्रिया से अनजान है जिन्हें कुछ नहीं पता उन्हें यह समझ में ही नहीं आ रहा है कि इस सर्वे का असली लक्ष्य क्या है और यह कैसे किया जा रहा है।

इस बारे में जागरूकता को फैलाने की कोशिश है नाकाफी साबित हो रहा है माना जा रहा है कि कई जगहों पर स्थानीय भाषा में भी उचित जानकारी नहीं दिया गया है जिसके वजह से लोग पूरे प्रक्रिया को लेकर के बहुत उलझन में है।

विपक्ष का हमला: जनता हो रही है परेशान

विपक्ष ने इस मुद्दे पर आपकी सरकार को अपने तरफ करना भी शुरू कर दिया है विपक्षी नेताओं ने कहां है कि यह सर्वे जो हो रहा है जनता के लिए एक बहुत बड़ा समस्या बन चुका है और तो और सरकार इसे ठीक से हैंडल भी नहीं कर पा रही है।

अगर जनता भी बिना सही तैयारी के इस तरह का सर्वे करवाना चाह रही है या फिर करवा रही है तो एक यह एक बहुत बड़ी भूल साबित हो रही है जहां पर सरकार का दावा है कि यह सर्वे आपके बिहार के भूमि का सैनिकों खत्म करने में सहायता करेगा लेकिन वहीं विपक्षी का मानना है कि इससे आप लोगों को सिर्फ और सिर्फ परेशान किया जा रहा है।

सरकार को ढूंढना होगा समाधान

जमीन सर्वे के इस प्रक्रिया को लेकर जनता में बहुत भारी असंतोष है जिसे सरकार को अब यह समझना होगा कि इस सर्वे से जुड़े जितने भी मुद्दे हैं उनका समाधान जल्द से जल्द निकलना जरूरी हो गया है।

इस सर्वे की प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए सबसे पहले आपको जन जागरूकता को फैलाने की जरूरत है ताकि आप लोग समझ सके कि यह सर्वे आपके लिए कितना जरूरी है और अधिकारियों के जरिए किया जा रहा है रिश्वतखोरी और अन्य समस्याओं को भी मजबूती से निपटने की जरूरत है।

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